Disable Copy Content

रविवार, 8 दिसंबर 2013

गीत - स्वागतम

स्वागतम, स्वागतम, स्वागतम...!
हम सभी के हृदय से सहश्रों नमन,

सुशीलम, वंदनम, स्वागतम...!
स्वागतम, स्वागतम, स्वागतम...!!

फूल इठलाये, इतरायी हैं तितलियाँ
खग उड़ें पंक्ति में, गायें रागिनियाँ
मन प्रफुल्लित बिखेरे हुये हैं सुमन

सुशीलम, प्रियम, स्वागतम...!
स्वागतम, स्वागतम, स्वागतम...!!

संध्य की भी अजब आज है लालिमा
चन्द्र देखे कनखियों से, बांधे समा
आज सुमधुर लगे वाद्य की हर तरंग

सुशीलम, विनीतम, प्रियम...!
स्वागतम स्वागतम स्वागतम...!!

कौन आता किसी के लिए कब-कदा 
आए हो, अब रहोगे हृदय ही सदा
जीते मन, इसलिए आज अर्पित नयन

सुशीलम, देवी मम, पूजितम् ...!
स्वागतम स्वागतम स्वागतम...!!

~ अशोक सिंह
   न्यू यॉर्क, दिसंबर 8, 2013

कोई टिप्पणी नहीं: