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शुक्रवार, 13 दिसंबर 2013

गीत - तुम कहो तो मान लूँ मैं

तुम कहो तो मान लूँ मैं
गीत की हर रागिनी के, शब्द सारे जान लूँ मैं ।
तुम कहो तो मान लूँ मैं ।।

तुम कहो तो याद के पल
आज या, गुज़रे हुये कल
एक माला में पिरो कर
हँसीं, वो उन्माद के पल
ज़िंदगी को, उस खुमारी से नया अंजाम दूँ मैं ।
तुम कहो तो मान लूँ मैं ।।

रही सारी शर्त, सब मंजूर
नहीं जाना कभी हमसे दूर
तुम बनो चंदा गगन में
तो निहारूँ बन चकोर
दूरियाँ हैं, क्या गगन से हाथ तेरा मांग लूँ मैं ।
तुम कहो तो मान लूँ मैं ।।

सौम्य तन की धूप तेरी
शांत मन की छांव तेरी
इंद्र को मदहोश कर दे
हृदय बसती गंध तेरी
इस समर्पण की घड़ी में, प्रेम-रस का पान लूँ मैं ।
तुम कहो तो मान लूँ मैं ।।

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