निश्छल सपनों की चुन कलियाँ, मधुरिम बेला आई
प्रभु कृपा, स्नेह स्वजन से, द्वार बजेगी शहनाई ।
तन-मन दोनों ही उत्सुक, आशीष आपका पाने को
स्वागत नयन बिछे हैं आओ, घर गूजेंगी शहनाई ।
देव देवता भी हर्षित हो, हम पर आशिर्वृष्टि करें,
अनुनय मिलन हमारे घर में, मन गूँजेगी शहनाई ।
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