वो लोग थे किस्मत वाले जो आँचल की छांव छांव चले
यूं समझौते हर मोड़ किए, पर साथ में ले कर गाँव चले
पकड़ा हमने भी दामन पर कुछ अकड़ रही मशरूफ़ रहे
गुज़री इनके-उनके दरम्याँ, कोई ठौर मिले न ठाँव मिले।
~ अशोक सिंह
न्यू यॉर्क, सितंबर 14, 2013
यूं समझौते हर मोड़ किए, पर साथ में ले कर गाँव चले
पकड़ा हमने भी दामन पर कुछ अकड़ रही मशरूफ़ रहे
गुज़री इनके-उनके दरम्याँ, कोई ठौर मिले न ठाँव मिले।
~ अशोक सिंह
न्यू यॉर्क, सितंबर 14, 2013
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