जहाँ जहां जन्म है, मृत्यु है, उपास है
आदि है तो अंत है ध्वंस है विनाश है
'प्रार्थना' कि आजन्म मान मर्यादा रहे
इक जीवंत जीवन की सर्वस्व आस है
~ अशोक सिंह
आदि है तो अंत है ध्वंस है विनाश है
'प्रार्थना' कि आजन्म मान मर्यादा रहे
इक जीवंत जीवन की सर्वस्व आस है
~ अशोक सिंह
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