जो घायल हुये हादसे में इक आस ढूँढने निकले थे
रोज़ी रोटी की चिंता में, मम्मी और पापा निकले थे
सपने कल के ले आँखों मे थे हिन्दू मुस्लिम ईसाई
क्या पता उन्हें, खूंखार दरिंदे मौत बांटने निकले थे ।
रोज़ी रोटी की चिंता में, मम्मी और पापा निकले थे
सपने कल के ले आँखों मे थे हिन्दू मुस्लिम ईसाई
क्या पता उन्हें, खूंखार दरिंदे मौत बांटने निकले थे ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें